डॉ हिम्मत सिंह सिन्हा जी का देहांत हो चुका है, वो कुरुक्षेत्र में रहते थे और करीब ३० साल पहले कुरुक्षेत्र विश्विद्यालय के दर्शन विभाग से, विभागाध्यक्ष के पद से रिटायर हुए। हमारे कुरुक्षेत्र के वो पितामह जैसे हैं। इतिहास, साहित्य, धर्म, दर्शन, मनोविज्ञान - ऐसा कौनसा विषय है, जिस पर सिन्हा जी अधिकार न रखते हों। अंग्रेज़ी, हिंदी, अरबी, फारसी, संस्कृत - सब भाषाओं के साथ वैसे ही सहज थे। ये चैनल उनके ज्ञान सागर से एक अंजलि भर भरने का प्रयास है।