पशुओं और हर मनुष्य में यह पाया जाता है। इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि कोई कितना विकसित है। बस इतना ही है की यह परत किसी में कम सक्रिय होती है और किसी में अधिक सक्रिय होती है। ऐसा व्यक्ति ना ज्ञानी हैं और ना ही अज्ञानी। वह बहुत मासूम है।
रक्षण, भक्षण, प्रजनन
बहुत आज्ञाकारी होते है।
अच्छे-अच्छे दास-दासियाँ बनते है।
नियमों का दृढ़ता से पालन करते है।
इन पर शासन किया जाता है।
भोजन या सुरक्षा की आवश्यकता होने पर दूसरों से संपर्क करते है।
जब तक कि मानसिक पीड़ा ना हो, यहां कुछ भी गलत नहीं है।।
भोजन और सुरक्षा।
नकारात्मक खबरों की बात करते है।
दोहराए जाने वाले वाणी - हर दिन एक ही बात करें।
तोता- बहुत आसानी से प्रभावित हो जाते हैं।
किसी भी विषय से वे उत्तरजीविता से संबंधित विषयों पर वापस आते हैं