रोगमुक्ति
संकल्प शक्ति से अपने या किसी के भी शरीर को रोगमुक्त किया जा सकता है। उसका स्वास्थ सुंदरता बढ़ाई जा सकती है। ये योग्यता हम सभी में है, कोई विशेष गुण नहीं। किन्तु कुछ लोग नैसर्गिक रूप से इसमें कुशल होते हैं।
शरीर नाद है। यह नाद मैं ही हूँ और संकल्प नाद को प्रभावित करने का साधन है।
संकल्प को एक मानसिक रूप देकर रोगी शरीर की मानसिक आकृति ( या भौतिक भी ) पर रोपित करें। ये रूप प्रकाश, ध्वनि, भावना, गंध आदि कोई भी तन्मात्रा हो सकता है। रोगग्रस्त भाग को एक रूप में देखें (जैसे लाल), फिर वही भाग स्वस्थ रूप में देखें (जैसे सफ़ेद), इस कल्पना में अपनी सम्पूर्ण संकल्प शक्ति मिला दें। सच्चा विश्वास हो कि शरीर स्वस्थ होकर ही रहेगा।
कई बार दोहराने से इसका असर बढ़ता है। एक दो बार में , या संकल्प क्षीण हो तो , या शंका बहुत हो तो कोई असर नहीं होता। इसका कोई प्रमाण नहीं बचता। आपका अपना अनुभव ही प्रमाण होगा। इसे एक वैज्ञानिक प्रयोग की तरह करें, अन्धविश्वास न करें। प्रचार न करें, गुप्त रखें।
इसका दुरूपयोग भी संभव है , किसी को रोगी किया जा सकता है या मारा जा सकता है , करने वाले पर इसके फल भयंकर होंगे। ऐसे ही मानसिक आक्रमण को रोका भी जा सकता है।
संकल्प शक्ति तंत्र की नींव है। इसको बढ़ाने के उपाय बोधि वार्ता की वासनापूर्ति के उपाय श्रृंखला में विस्तार से बताये गए हैं।
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तंत्र पर ये एक संक्षिप्त लेखों की एक श्रृंखला है।